बाढ़ /आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021

बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021

बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021

Post Date: 22/05/2021

Short Information: बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021. प्राकृतिक आपदा एव राज्य सरकार द्वरा अधिसुचित स्थानीक आपदाओ मे पशुपलको के पशुओ की स्थिति द्वरा सहयता अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। सहयता अनुदान के दावा एव भुगतान की प्रक्रिया तथा दर निम्न्वत है :

बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021

बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता योजना 2021

बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना

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पशु मृत्यु सहायता अनुदान
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बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021
बाढ़ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021
बाढ़/ आपदा के कारण पशु मृत्यु होने पर सहायता अनुदान की दर
पशु का प्रकारराशि प्रति इकाई

अधिकतम अनुमान्य (प्रति परिवार)

अभ्युक्ति

दुग्धकारी पशु :

1) गाय/ भैस/ ऊँट/ याक/ मिथुन आदि

30,000/-3 पशु तक सीमित

1. अर्थिक रुप से उत्पादक पशुओ की वास्तविक क्षति के अनुसार सीमित होगा।

2. किसी अन्य सरकरी योजना से प्राप्त होने वाली सहयता (यथा एवियन इन्फलुवेन्जा से पक्षियो की मृत्यु या अन्य बीमरियो से मृत्यु) की स्थिती मे यह सहय्य अनुदान देय नही होगा।

2) बकरी/ भेड/ सुकर3,000/-30 पशु तक सीमित

भारवाही पशु :

1) बैल/ ऊँट/ घोड़ा आदि

25,000/-3 पशु तक सीमित
2) बछड़ा/ खच्चर/ गदहा/ टट्टू16,000/-6 पशु तक सीमित
पॉल्ट्री50/-अधिकतम सीमा 5,000/- रुपेय
बाढ़ आपदा के कारण पशु मृत्यु सहायता अनुदान योजना 2021
आवेदन एवं भुगतान की प्रकिया

1. पशु मृत्यु के पश्चात अगर शव प्राप्त हो :

  • पशु पालक द्वारा निकटतम पशुचिकित्सा पदाधिकारी को सूचना दी जाएगी तथा विहित प्रपत्र (प्रपत्र – क) में आवेदन दिया जाएगा।
  • पशुचिकित्सा पदाधिकारी शव का पोस्टमार्टम करेंगे तथा आवेदन अंचलाधिकारी को प्रेषित करेंगे। पशु शव अन्त्य परीक्षण की स्थिती में नहीं रहने (कई दिन पुराने होने/ सड़ जाने आदि) पर पशुचिकित्सा पदाधिकारी द्वारा प्रमाण-पत्र के साथ मृत पशुओं की संख्या से संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन अंचलाधिकारी एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया जाएगा।
  • अंचलाधिकारी प्रतिवेदन के अनुसार स्वीकृति हेतु आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

2. पशु शव प्राप्ति नहीं होने की स्थिति में :

  • पशुपालक द्वारा स्थानीय थाना में पशु क्षति के संबंध में सनहा/ पीथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
  • पशुपालन का आवेदन स्थानीय मुखिया/ पंचायत समिति सदस्य/ जिला परिषद सदस्य/ सरपंच/ पंच/ वार्ड सदस्य द्वारा अग्रसारित होना चाहिए (प्रपत्र-क) ।
  • सनहा/ प्राथमिकी की प्रति संलग्न करते हुए पशुपालक द्वारा आवेदन संबंधित अंचलाधिकारी को दी जाएगी। अंचलाधिकारी स्वीकृति हेतु अग्रेतर कार्रवाई करेंगें (प्रपत्र-ग) ।
  • अंचलाधिकारी पशु क्षति सम्बंधित सूचना को ससमय जिला पदाधिकरी को उपलब्ध करायेगे (प्रपत्र-ख/ प्रपत्र-ग) । जिला पदाधिकारी द्वारा आवश्यक जांचोपरांत अभिलेख स्वीकृत कराकर घटना के एक सप्ताह के अंदर सहायता अनुदान का भुगतान किया जाएगा।

3.

  • अन्य आपदाओं यथा सुखाड़/ वज्रपात/ अग्निकांड आदि की स्थिती में यथासम्भव अन्त्य परीक्षण कराना आवश्यक होगा। बड़ी संख्या में एक ही स्थान में एक ही तरह की परिस्थिति में पशुओं की मृत्यु होने पर रैंडम रूप से यथासम्भव पाँच से दस प्रतिशत पशुओं/ मुर्गियों का अन्त्य परीक्षण करते हुए मृत्यु का कारण निर्धारित किया जाएगा।
टिप्पणी :

1. वीहित प्रपत्र-क, ख, एवं ग तथा विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया विभागीय वेबसाइट “www.ahd.bih.nic.in” . जिला पशुपालन कार्यालय एवं भर्मणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी/ प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है।
2. आवेदन में वांछित विवरण यथा नाम, पता, मोबाइल नम्बर, आधार नंबर, मृत पशु से संबंधित विवरण, मृत्यु का कारण तथा बैंक खाता का ब्योरा इत्यादी अंकित रहना आवश्यक है।

विशेष जानकारी पशुपालन निदेशालय, बिहार, पटना स्थित आपदा कोषांग (दूरभाष संख्या 0612-2230942) या पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना (दूरभाष संख्या 0612-2226049) से प्राप्त की जा सकती है।

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